5 Easy Facts About shiv chalisa lyricsl Described
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
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जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें more info और साफ कपड़े पहनें।
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। Shiv chaisa हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन more info कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥